छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के बागबहर ब्लॉक के कोलदा गांव की निवासी दिलेश्वरी साहू का जीवन एक समय भूत-प्रेत की बाधाओं और असहनीय कष्टों से भरा हुआ था। लेकिन 29 सितंबर 2020 को संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद उनके जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन आए। यह उनकी प्रेरणादायक कहानी है।
कठिनाई भरा जीवन और भक्ति की खोज
दिलेश्वरी साहू ने बताया कि नाम दीक्षा लेने से पहले वे मनमाना आचरण करती थीं। वे हर प्रकार की पूजा और साधना करती थीं, चाहे वह शनिदेव की पूजा हो, दुर्गा सप्तशती का पाठ हो, या विष्णु भगवान की आराधना। दुखों से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, और नारायण कवच का नियमित पाठ किया।
उनके जीवन में भूत-प्रेत की बाधाओं ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह तोड़ दिया था। उनके शरीर पर लाल और नीले निशान बनते थे, मानो किसी ने खून चूस लिया हो। इसके अलावा, उनके शरीर में भयानक दर्द और कमजोरी थी। उनके पति और परिवारवाले भी उनकी स्थिति से परेशान थे।
संत रामपाल जी महाराज से जुड़ाव
उनके पिताजी ने उन्हें संत रामपाल जी महाराज के सत्संग के बारे में बताया। टीवी पर एक भक्त के अनुभव को देखकर दिलेश्वरी जी ने भी संत रामपाल जी महाराज की शरण में जाने का निर्णय लिया। उन्होंने तुरंत नाम दीक्षा ली और उनके जीवन में चमत्कारिक बदलाव शुरू हो गए।
नाम दीक्षा के बाद हुए लाभ
- भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति:
- संत रामपाल जी महाराज से नाम लेने के बाद दिलेश्वरी साहू को भूत-प्रेत की बाधाओं से छुटकारा मिल गया। उनके शरीर पर आने वाले निशान और दर्द पूरी तरह से ठीक हो गए।
- स्वास्थ्य लाभ:
- दिलेश्वरी जी को लुकोरिया, बच्चेदानी में गांठ, और किडनी में पथरी जैसी गंभीर बीमारियां थीं। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी थी, लेकिन संत रामपाल जी महाराज की कृपा से ये समस्याएं बिना किसी ऑपरेशन और दवाई के ठीक हो गईं।
- आर्थिक उन्नति:
- परिवार में आर्थिक तंगी थी, लेकिन संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने के बाद उनके खर्चे कम हो गए और परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ।
- पारिवारिक शांति:
- परिवार में जो कलह और अशांति थी, वह समाप्त हो गई। अब उनका परिवार सुखमय जीवन जी रहा है।
संत रामपाल जी महाराज की भक्ति विधि
दिलेश्वरी साहू ने बताया कि संत रामपाल जी महाराज शास्त्रों के अनुसार भक्ति कराते हैं। वे चारों वेद, गीता, कुरान, बाइबल और अन्य धर्म ग्रंथों के आधार पर प्रमाणित करते हैं कि सच्चा परमात्मा कौन है और उसकी भक्ति का सही तरीका क्या है।
संत रामपाल जी महाराज से जुड़ने का तरीका
जो लोग संत रामपाल जी महाराज की शरण में आना चाहते हैं, वे उनके सत्संग टीवी चैनलों, यूट्यूब, और फेसबुक पर देख सकते हैं। सत्संग के दौरान दिए गए नंबरों पर कॉल करके निकटतम नामदान केंद्र पर जाकर नाम दीक्षा ले सकते हैं।
निष्कर्ष
दिलेश्वरी साहू की कहानी यह दिखाती है कि सच्चे गुरु की शरण में आने से जीवन में अद्भुत बदलाव आ सकते हैं। संत रामपाल जी महाराज की कृपा से उनके जीवन की समस्याएं समाप्त हो गईं और उन्होंने एक सुखमय और शांतिपूर्ण जीवन पाया।