छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के निवासी चित्र कुमार दास का जीवन एक समय असहनीय कष्ट और भयंकर बीमारी से जूझ रहा था। ब्लड कैंसर जैसी गंभीर समस्या के चलते डॉक्टरों ने भी जवाब दे दिया था। लेकिन 12 सितंबर 2020 को संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद उनके जीवन में चमत्कारिक बदलाव आए। यह उनकी प्रेरणादायक कहानी है।
भक्ति और बीमारी से पहले का जीवन
चित्र कुमार दास जी ने बताया कि वे संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने से पहले ब्रह्मा, विष्णु, महेश और अन्य देवी-देवताओं की पूजा करते थे। ये साधनाएं उनके परिवार में परंपरा के रूप में चली आ रही थीं। लेकिन इनसे उन्हें कभी कोई लाभ नहीं हुआ।
ब्लड कैंसर का भयावह अनुभव
चित्र कुमार दास जी को ब्लड कैंसर का पता चला, और उन्होंने देश के विभिन्न बड़े अस्पतालों में इलाज कराने का प्रयास किया। उन्होंने राजनांदगांव के शास्त्री अस्पताल, मीकाहारा रायपुर, और एम्स रायपुर जैसे प्रतिष्ठित अस्पतालों में इलाज कराया। लेकिन डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए उनकी स्थिति को बेहद जोखिमपूर्ण बताया।
एम्स में दस दिनों तक रहने के बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। कमला अस्पताल, रायपुर में भी उन्हें बताया गया कि ऑपरेशन के दौरान उनकी मृत्यु हो सकती है। इस स्थिति ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह तोड़ दिया।
संत रामपाल जी महाराज की शरण में आना
उनके रिश्तेदार, जो संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी थे, ने उन्हें बालोद जिले के नामदान केंद्र ले जाकर नाम दीक्षा दिलाई। नाम दीक्षा लेने के बाद धीरे-धीरे उनकी समस्याएं कम होने लगीं।
नाम दीक्षा के बाद हुए लाभ
- ब्लड कैंसर से मुक्ति:
- संत रामपाल जी महाराज द्वारा बताए गए भक्ति मार्ग पर चलने से उनका ब्लड कैंसर पूरी तरह ठीक हो गया। डॉक्टरों द्वारा बताए गए ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं पड़ी।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार:
- उनके शरीर में जो सिस्ट और ब्लड क्लॉट्स थे, वे बिना किसी ऑपरेशन के ठीक हो गए। उनकी मेडिकल रिपोर्ट्स अब पूरी तरह नॉर्मल हैं।
- आध्यात्मिक जागरूकता:
- भक्ति मार्ग पर चलने से उन्हें आत्मिक शांति और जीवन जीने का नया दृष्टिकोण मिला।
अन्य मरीजों के लिए संदेश
चित्र कुमार दास जी ने उन सभी मरीजों को संदेश दिया जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं खुद इसका जीवंत उदाहरण हूं। संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर मैंने अपनी बीमारी से छुटकारा पाया। आप भी संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर अपने दुखों और बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं।”
संत रामपाल जी महाराज से जुड़ने का तरीका
संत रामपाल जी महाराज के सत्संग टीवी चैनलों, यूट्यूब, और फेसबुक पर देखे जा सकते हैं। सत्संग के दौरान पीली पट्टी में दिए गए नंबरों पर कॉल करके निकटतम नामदान केंद्र से संपर्क किया जा सकता है।
निष्कर्ष
चित्र कुमार दास की कहानी यह प्रमाणित करती है कि सच्चे गुरु की शरण में आने से असंभव समस्याएं भी हल हो सकती हैं। संत रामपाल जी महाराज की कृपा से उनके जीवन की सबसे बड़ी समस्या समाप्त हो गई और उन्होंने एक स्वस्थ और सुखमय जीवन पाया।