परिचय
यह साक्षात्कार एक भक्त की प्रेरणादायक कहानी है, जिन्होंने 24 जनवरी को संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली और उनकी दीक्षा और कृपा से गंभीर बीमारी से मुक्ति पाई। आइए जानते हैं उनकी पूरी यात्रा और परमात्मा की कृपा से उनके जीवन में आए चमत्कारिक बदलाव।
बीमारी की पहचान और संघर्ष
इस भक्त ने बताया कि दीक्षा लेने से पहले उनकी सेहत बहुत खराब थी। जनवरी के अंत में, उन्होंने रायपुर में डॉक्टर अर्थरांति से संपर्क किया। जांच के दौरान, क्लोज कॉपी और एंडोस्कोपी से पता चला कि:
- भोजन नली (Esophagus) में गंभीर सूजन थी।
- बीमारी इतनी अधिक फैल चुकी थी कि गले और भोजन नली में असंकुचन (Constriction) हो गया था, जिससे खाना-पीना मुश्किल हो गया।
- डॉक्टरों ने इसे “बहुत गंभीर स्थिति” बताया और इलाज शुरू किया।
संत रामपाल जी महाराज की कृपा और उपचार
इस भक्त ने बताया कि उन्होंने 24 जनवरी को संत रामपाल जी महाराज से दीक्षा ली थी और 29 जनवरी को डॉक्टर से मिलने गए। वे कहते हैं:
“मुझे यह चमत्कार केवल परमात्मा संत रामपाल जी महाराज की कृपा से ही संभव लगता है। उनकी शरण में जाने से पहले मैं बहुत परेशान था।”
भक्त ने नाम दीक्षा लेकर भक्ति शुरू की और परमात्मा से प्रार्थना की। उन्होंने महसूस किया कि संत रामपाल जी महाराज की कृपा से:
- शारीरिक कष्ट कम हुआ:
इलाज के साथ-साथ उनकी भक्ति ने उनकी हालत में तेजी से सुधार किया। - आध्यात्मिक शांति मिली:
बीमारी की गंभीरता के बावजूद, वे मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्थिर और शांत रहे।
संदेश अन्य मरीजों के लिए
भक्त का कहना है:
“अगर आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, तो संत रामपाल जी महाराज की शरण में आएं। नाम दीक्षा लें और उनके बताए मार्ग पर चलें। परमात्मा की कृपा से आपको हर समस्या का समाधान मिलेगा।”
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा कैसे लें?
उन्होंने बताया कि विभिन्न टीवी चैनलों पर संत रामपाल जी महाराज के सत्संग प्रसारित होते हैं। स्क्रीन पर दिखने वाली पीली पट्टी में दिए गए नंबर पर संपर्क कर आप नाम दीक्षा ले सकते हैं।
निष्कर्ष
यह कहानी एक भक्त के जीवन में संत रामपाल जी महाराज की दीक्षा से आए अद्भुत बदलाव को दर्शाती है। यदि आप भी अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं, तो संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर नाम दीक्षा लें और अपना कल्याण कराएं।