परिचय
यह कहानी लता कुर्रे जी की है, जो छत्तीसगढ़ के सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले से हैं। उन्होंने 11 नवंबर 2018 को संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली। दीक्षा लेने से पहले वे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और पारिवारिक कष्टों से परेशान थीं। उनके पति नशे की लत में डूबे हुए थे, और लता जी खुद रीढ़ की हड्डी की समस्या से जूझ रही थीं। आइए जानें, किस तरह संत रामपाल जी महाराज की कृपा से उनका जीवन बदल गया।
लता कुर्रे जी की भक्ति यात्रा
लता कुर्रे जी ने बताया कि दीक्षा लेने से पहले वे हिंदू परंपराओं के अनुसार सभी देवी-देवताओं की पूजा करती थीं। वे दुर्गा पूजा, गणेश पूजा, शिव जी की पूजा और साईं बाबा की मूर्ति की आराधना करती थीं। उन्होंने संतोषी माता के 16 शुक्रवार व्रत भी किए।
उनके ससुराल के लोग 2013 से संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी थे और बार-बार सत्संग सुनने और नाम दीक्षा लेने की सलाह देते थे। लता जी ने बताया:
“मेरे ससुर ने मुझे ‘ज्ञान गंगा’ पुस्तक दी। पहले मुझे इसे पढ़ना अजीब लगा, लेकिन धीरे-धीरे जब मैंने भक्तों के अनुभव पढ़े, तो मुझे विश्वास हुआ कि संत रामपाल जी महाराज ही पूर्ण परमात्मा हैं। मैंने नाम दीक्षा लेने का निर्णय लिया।”
संत रामपाल जी महाराज की कृपा से प्राप्त लाभ
1. रीढ़ की हड्डी की समस्या का चमत्कारी समाधान:
लता जी की रीढ़ की हड्डी बढ़ गई थी, जिससे उन्हें चलने-फिरने और बैठने में असहनीय दर्द होता था। डॉक्टरों ने कहा था कि इसका केवल ऑपरेशन ही इलाज है। उन्होंने ऑपरेशन से इनकार कर दिया और संत रामपाल जी महाराज से प्रार्थना की।
“परमात्मा की कृपा से मेरी हड्डी की समस्या बिना ऑपरेशन के ठीक हो गई। आज मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं।”
2. पति ने नशा छोड़ दिया:
उनके पति शराब, गुटखा, और तंबाकू के आदी थे। नाम दीक्षा लेने के बाद, उन्होंने पूरी तरह नशा छोड़ दिया और परिवार में शांति आ गई।
3. घरेलू दुर्घटना में बचाव:
किचन में गैस लीक होने की वजह से आग फैल गई। लता जी ने संत रामपाल जी महाराज को याद किया, और चमत्कारिक रूप से कोई नुकसान नहीं हुआ।
4. टाइफाइड और अन्य बीमारियों से मुक्ति:
पाँच साल तक टाइफाइड से जूझने के बाद, उन्होंने संत रामपाल जी महाराज से प्रार्थना की। उन्होंने बताया:
“नाम दीक्षा लेने के बाद, मेरी टाइफाइड की समस्या हमेशा के लिए ठीक हो गई।”
5. गर्दन और कमर के दर्द से राहत:
उन्होंने बताया कि भक्ति और सुमिरन से उनके सभी शारीरिक दर्द दूर हो गए।
लता कुर्रे जी का संदेश
लता जी ने सभी परेशान महिलाओं और परिवारों को संदेश दिया:
“अगर आप भी किसी बीमारी या कष्ट से जूझ रहे हैं, तो संत रामपाल जी महाराज की शरण में आएं। उनका सत्संग सुनें, नाम दीक्षा लें और अपने जीवन को सुखमय बनाएं।”
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा कैसे लें?
उन्होंने बताया कि संत रामपाल जी महाराज के सत्संग विभिन्न चैनलों पर प्रसारित होते हैं। सत्संग के दौरान स्क्रीन पर चलने वाली पीली पट्टी में दिए गए नंबर पर संपर्क कर आप नाम दीक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
लता कुर्रे जी की कहानी यह दर्शाती है कि संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने से जीवन की हर समस्या का समाधान संभव है। यदि आप भी अपने जीवन में शांति और सुख चाहते हैं, तो संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लें।