संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद कैसे बदली करुणा दासी जी की ज़िंदगी: एक साक्षात्कार

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद कैसे बदली करुणा दासी जी की ज़िंदगी: एक साक्षात्कार

परिचय

यह कहानी छत्तीसगढ़, जिला रायपुर की करुणा दासी जी की है। उन्होंने 28 जनवरी 2014 को संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली। दीक्षा लेने से पहले, उनका परिवार भूत-प्रेत बाधा, आर्थिक तंगी और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा था। संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने के बाद, उनकी सभी समस्याओं का समाधान हुआ। आइए जानें उनकी पूरी कहानी।


भक्ति की तलाश और संघर्ष

करुणा दासी जी ने बताया कि नाम दीक्षा लेने से पहले वे सभी देवी-देवताओं की भक्ति करती थीं। उन्होंने कहा:

“हम शेरावाली माता, दुर्गा, हनुमान, शिव जी समेत सभी 33 कोटि देवी-देवताओं की पूजा करते थे। लेकिन, इतनी भक्ति के बावजूद, हमें कोई लाभ नहीं मिला। हम सप्ताह में दो दिन ही भोजन करते थे, बाकी दिन उपवास रखते थे, फिर भी समस्याएँ खत्म नहीं हुईं।”

उनके परिवार पर भूत-प्रेत बाधा का प्रभाव इतना अधिक था कि रात को 12 बजे उनके घर की छत और दरवाजे पर खटखटाने की आवाजें आती थीं। उन्होंने बताया:

“हम बहुत डरते थे। मम्मी, पापा, और भाई सभी एक कोने में बैठ जाते थे। हम देवी-देवताओं से मदद मांगते थे, लेकिन कोई हमारी सहायता के लिए नहीं आया।”

उनके पिता गांजे का सेवन करते थे और आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। घर की छत कच्ची थी, और उनके पास कोई समाधान नहीं था।


संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने का निर्णय

एक दिन, उनके पिता ने अपनी समस्याएँ एक संत रामपाल जी महाराज के अनुयायी से साझा कीं। उस भक्त ने उन्हें सत्संग सुनने की सलाह दी। इसके बाद, उनके पिता ने साधना चैनल पर संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुनना शुरू किया।

करुणा जी ने बताया:

“एक दिन, संत रामपाल जी महाराज साधु का रूप धारण कर हमारे टेंट हाउस पर आए और भंडारे के लिए बड़े पतीले माँगे। पतीले देने के बाद वे अचानक अदृश्य हो गए। इसके बाद, हमने सत्संग सुनकर निर्णय लिया कि हमें नाम दीक्षा लेनी चाहिए।”

परिवार ने बरवाला आश्रम जाकर नाम दीक्षा ली।


संत रामपाल जी महाराज की कृपा से प्राप्त लाभ

1. भूत-प्रेत बाधा से मुक्ति:

करुणा जी के परिवार पर भूत-प्रेत बाधा का प्रभाव पूरी तरह समाप्त हो गया।

“अब हमें किसी प्रकार का डर नहीं है। हमारे पिता भी पूरी तरह ठीक हो गए हैं।”

2. स्वास्थ्य में सुधार:

  • बच्चेदानी की समस्या: करुणा जी की दादी को बच्चेदानी की गंभीर समस्या थी। डॉक्टर ने कहा था कि यह समस्या दवाइयों से ठीक नहीं होगी।“नाम दीक्षा लेने और आरती करने से उनकी समस्या बिना ऑपरेशन के ठीक हो गई।”
  • आर्थिक तंगी से मुक्ति: उनके पिता पर भारी कर्ज था। संत रामपाल जी महाराज की कृपा से उनका कर्ज चुकता हो गया।
  • गंभीर दुर्घटना में बचाव: करुणा जी ने बताया कि एक बार उनके माता-पिता की गाड़ी हाईवे पर डिवाइडर से टकरा गई थी। गाड़ी का एक पहिया हवा में था, लेकिन संत रामपाल जी महाराज की कृपा से गाड़ी संभल गई और उन्हें खरोंच तक नहीं आई।

करुणा दासी जी का संदेश

करुणा जी ने सभी दर्शकों से अपील की:

“संत रामपाल जी महाराज विश्व के ऐसे पूर्ण संत हैं, जिनके पास हर समस्या का समाधान है। अगर आप भी अपनी समस्याओं से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो नाम दीक्षा लें और उनका मार्गदर्शन प्राप्त करें।”

संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा कैसे लें?

उन्होंने बताया कि संत रामपाल जी महाराज के सत्संग विभिन्न टीवी चैनलों पर प्रसारित होते हैं। सत्संग के दौरान स्क्रीन पर चलने वाली पीली पट्टी में दिए गए नंबर पर संपर्क कर आप नजदीकी नामदान केंद्र से नाम दीक्षा ले सकते हैं।


निष्कर्ष

करुणा दासी जी की कहानी यह प्रमाणित करती है कि संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने से हर समस्या का समाधान संभव है। यदि आप भी अपने जीवन में शांति, सुख, और समाधान चाहते हैं, तो संत रामपाल जी महाराज की शरण में जाएं और नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण कराएं।

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