संत रामपाल जी महाराज ने अपने अनुयायियों को एक नई दिशा दी है। शीतल कोरम, जो बिलासपुर, छत्तीसगढ़ की रहने वाली हैं, ने संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लेकर अपने जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन अनुभव किए हैं।
शीतल की यात्रा
शीतल जी ने बताया कि पहले वे अपने माता-पिता की भक्ति का अनुसरण करती थीं, जिसमें वे ब्रह्मा, विष्णु और महेश जी की पूजा करती थीं। लेकिन जब उनकी माँ को प्रेत बाधा से पीड़ित देखा, तो उन्होंने संत रामपाल जी महाराज का सत्संग देखा। इससे उनकी माँ की तबीयत में सुधार हुआ और शीतल जी भी प्रेरित होकर नाम दीक्षा लेने गईं।
लाभ के अनुभव
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद शीतल जी ने कई लाभ महसूस किए:
- स्वास्थ्य में सुधार: पहले कॉलेज से घर आने पर उन्हें पैरों में बहुत तकलीफ होती थी, लेकिन अब वह बिना किसी तकलीफ के चलने-फिरने में सक्षम हैं।
- भूत प्रेत से मुक्ति: उनके घर में पहले भूत-प्रेत का साया रहता था, लेकिन नाम दीक्षा लेने के बाद वह सब दूर हो गया है। उनकी माँ की परेशानी भी समाप्त हो गई है।
विज्ञान और भूत प्रेत
शीतल जी ने यह भी कहा कि विज्ञान के इस युग में भूत-प्रेतों के अस्तित्व का खंडन नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि डॉक्टर भी कभी-कभी भगवान का सहारा लेते हैं, खासकर जब ऑपरेशन की बात आती है।
संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएँ
संत रामपाल जी महाराज ने मूर्ति पूजा को वर्जित बताया है और वेदों के अनुसार सच्ची भक्ति का मार्ग दिखाया है। शीतल जी ने स्पष्ट किया कि अंध श्रद्धा को छोड़कर वेदों के ज्ञान का अनुसरण करना चाहिए।
नाम दीक्षा कैसे लें?
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के लिए विभिन्न चैनलों पर सत्संग देखे जा सकते हैं। वहाँ दिए गए संपर्क नंबर पर कॉल करके नजदीकी नामदान केंद्र के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा कैसे लें?
अगर आप भी अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति चाहते हैं, तो संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लें। अधिक जानकारी के लिए जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।
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