ग्राम Singarpur, पोस्ट Thakurtula, थाना Gandai, तहसील Samvidhan, जिला Rajnandgaon, Chhattisgarh के Chhannu Das Manikpuri जी ने अपने जीवन के संघर्षों और Sant Rampal Ji Maharaj की शरण में आने के बाद हुए चमत्कारी लाभों को साझा किया।
पारंपरिक भक्ति से संत रामपाल जी महाराज की शरण तक का सफर
Chhannu Das Manikpuri जी पहले Damakheda Panth से जुड़े हुए थे। वे Bandhavgarh, Kudurmala जैसी धार्मिक स्थलों की यात्रा करते थे और महंतों तथा जवानों के Chauka Karm का आयोजन कराते थे।
जब Anchor ने पूछा कि “Chauka क्या होता है?”, तो उन्होंने बताया कि –
• Chauka Karm में Mahant Deewan बैठते थे और Jhan Manjira बजाते थे।
• प्रसाद वितरण के बाद सब लोग वहाँ से चले जाते थे।
• लेकिन इसमें कोई वास्तविक लाभ नहीं था, बल्कि केवल धन खर्च होता था।
• हर बार चौका करवाने में 20,000 से 30,000 रुपये तक का खर्च होता था।
Sant Rampal Ji Maharaj की शरण में आने का कारण
Chhannu Das Manikpuri जी ने बताया कि –
• वे पहले से कबीरपंथी थे और उनकी तीन पीढ़ियाँ कबीरपंथी रही हैं।
• पहली बार जब उन्होंने Sant Rampal Ji Maharaj का Satsang टीवी पर सुना, तो आश्चर्य हुआ क्योंकि पहले कभी भी कबीर साहब का सत्संग टीवी पर नहीं सुना था।
• वे पहले Bhagwad Geeta और अन्य धार्मिक कथाएँ सुनते थे, लेकिन Kabir Saheb Ka Mantra के ज्ञान का सत्संग सुनकर वे बहुत प्रभावित हुए।
• Sant Rampal Ji Maharaj ने Kabir Sagar, Ved, Puran, Geeta आदि को प्रमाण सहित दिखाया, जिससे उन्हें पहली बार सही आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त हुआ।
• उन्होंने तुरंत Barwala, Haryana स्थित Satlok Ashram जाने का निश्चय किया।
जब वे वहाँ पहुँचे, तो –
• Sant Rampal Ji Maharaj की शिक्षा सुनकर उन्हें अत्यंत आनंद आया।
• उन्होंने बताया कि “ऐसा लगा कि वास्तव में सतलोक पहुँच गए हैं।”
• भक्तों का व्यवहार, उनकी वाणी और सत्संग की शिक्षाओं ने उन्हें पूरी तरह प्रभावित कर दिया।
• उन्होंने Sant Rampal Ji Maharaj से Naam Diksha ले ली।
Naam Diksha लेने के बाद हुए चमत्कारी लाभ
1. आर्थिक स्थिति में सुधार
• पहले वे साइकिल के लिए तरसते थे, लेकिन अब चार चक्के की गाड़ी (Car) और दो चक्के की गाड़ी (Bike) भी हो गई है।
• घर मकान बनाने का सपना भी पूरा हो गया।
• Naam Diksha लेने के बाद आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार हुआ।
2. बेटी की गंभीर बीमारी से मुक्ति
• उनकी बेटी को Sickle Cell Disease थी, जिससे हर 15 दिन में ब्लड चढ़ाना पड़ता था।
• डॉक्टरों ने कहा था कि “इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है।”
• Naam Diksha लेने के बाद Sant Rampal Ji Maharaj की कृपा से उनकी बेटी पूरी तरह ठीक हो गई।
• अब उसे एक भी बोतल ब्लड चढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ी।
Sant Rampal Ji Maharaj से Naam Diksha कैसे लें?
जब Anchor ने पूछा कि “Sant Rampal Ji Maharaj से Naam Diksha कैसे ली जा सकती है?”, तो Chhannu Das Manikpuri जी ने बताया कि –
1. TV Channels पर Sant Rampal Ji Maharaj का Satsang आता है, जिसमें पीली पट्टी (Yellow Scrolling Line) में नंबर दिया होता है।
2. उस नंबर पर Call या SMS करके Gyan Ganga और Jeene Ki Raah पुस्तकें मंगवाएँ।
3. इन पुस्तकों को पढ़ें और अपने शास्त्रों से तुलना करें।
4. नजदीकी Naam Diksha Kendra का पता लेकर वहाँ जाएं और Naam Diksha प्राप्त करें।
निष्कर्ष
Chhannu Das Manikpuri जी का यह अनुभव यह प्रमाणित करता है कि –
• Sant Rampal Ji Maharaj से Naam Diksha लेने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ।
• उनकी बेटी की Sickle Cell Disease पूरी तरह ठीक हो गई।
• उन्होंने सही आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया और सत्संग से मोक्ष का सही मार्ग समझा।
यदि आप भी आध्यात्मिक, आर्थिक, और शारीरिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो Sant Rampal Ji Maharaj से Naam Diksha लेकर Satbhakti करें और अपने जीवन को सुखमय बनाएं।