छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के छोटे से गांव बंन्ननगर के देवलाल दास जी का जीवन एक समय बहुत कठिनाइयों से भरा हुआ था। जीवन की इस कठिन यात्रा में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन 10 अगस्त 2013 का दिन उनके लिए नई शुरुआत लेकर आया। यही वह दिन था जब उन्होंने संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली। यह कहानी उनके संघर्षों से उभरकर सुखमय जीवन की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती है।
शुरुआत: संघर्ष और अधूरी भक्ति
देवलाल जी का जीवन पहले सामान्य था। वे लोक परंपराओं का पालन करते हुए ब्रह्मा, विष्णु, महेश की पूजा और व्रत-उपवास करते थे। हालांकि, उन्हें आत्मिक शांति या जीवन की समस्याओं का समाधान नहीं मिल रहा था। उनके परिवार में परेशानियां बढ़ती जा रही थीं। उनके भाई को कैंसर हो गया, और इस बीमारी ने पूरे परिवार को दुखों के गर्त में डाल दिया।
बदलाव की पहली किरण: ज्ञान गंगा
एक दिन उनके हाथ में संत रामपाल जी महाराज की पुस्तक “ज्ञान गंगा” आई। इस पुस्तक ने उनके जीवन का नजरिया बदल दिया। जब उनके भाई ने संत रामपाल जी महाराज के आश्रम जाने की इच्छा व्यक्त की, तो देवलाल जी अनमने मन से उनके साथ चले गए। लेकिन आश्रम में नाम दीक्षा लेने और सत्संग सुनने के बाद उनका जीवन हमेशा के लिए बदल गया।
संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने के बाद के परिवर्तन
देवलाल जी ने संत रामपाल जी महाराज की कृपा से कई चमत्कारिक लाभ पाए।
- आध्यात्मिक शांति:
- उन्हें सच्ची भक्ति और मोक्ष का मार्ग मिला। जीवन में एक नई ऊर्जा और उद्देश्य आया।
- व्यसनों से मुक्ति:
- शराब, मांसाहार, गुटखा और तंबाकू जैसी आदतें पूरी तरह छूट गईं।
- स्वास्थ्य में सुधार:
- उनके किडनी स्टोन और अन्य गंभीर बीमारियां ठीक हो गईं।
- उनकी पत्नी, जो एक बार मृतप्राय हो चुकी थीं, अमृत जल के प्रभाव से पुनः जीवित हो गईं।
- उनके बेटे को कोरोना संक्रमण हुआ था, लेकिन संत रामपाल जी महाराज की कृपा से वह स्वस्थ हो गया।
- उनके नाती का टूटा हुआ हाथ बिना ऑपरेशन ठीक हो गया।
- आर्थिक और पारिवारिक उन्नति:
- परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। अब उनका परिवार सुख-शांति से जीवन बिता रहा है।
- घर में पहले की तरह कलह का नामोनिशान नहीं रहा।
संदेश: नई राह की ओर आमंत्रण
देवलाल जी ने अपनी कहानी को साझा करते हुए दूसरों को भी इस सुखमय जीवन की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि संत रामपाल जी महाराज की शरण में आकर कोई भी व्यक्ति अपने दुखों का अंत कर सकता है।
- कैसे संपर्क करें?
- टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले संत रामपाल जी महाराज के सत्संग देखें।
- पीली पट्टी में दिए गए नंबरों पर कॉल करें।
- www.jagatgururampalji.org वेबसाइट पर जाएं।
- संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पुस्तकें जैसे “ज्ञान गंगा,” “जीने की राह,” “गीता तेरा ज्ञान अमृत” का अध्ययन करें।
देवलाल जी ने कहा कि संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाओं का अनुसरण करके हर व्यक्ति अपने जीवन को धन्य बना सकता है।
धन्यवाद!