दामाखेड़ा पंथ से संत रामपाल जी महाराज तक: जानें कैसे खत्म हुआ शनि दोष और जीवन में आई शांति

दामाखेड़ा पंथ से संत रामपाल जी महाराज तक: जानें कैसे खत्म हुआ शनि दोष और जीवन में आई शांति

हम पहले दामाखेड़ा पंथ से जुड़े हुए थे, लेकिन वहां की भक्ति विधि से हमें किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा था। संत रामपाल जी महाराज के सत्संग और ज्ञान से हमें यह समझ में आया कि सही भक्ति विधि क्या होती है। उन्होंने हमें शास्त्र-सम्मत भक्ति का मार्ग दिखाया, जिससे हमारे जीवन में चमत्कारी बदलाव आए।

शनि दोष और लगातार होने वाली दुर्घटनाएं

बचपन से ही मैं शनि दोष से पीड़ित था। यह दोष मेरे जीवन को हर समय प्रभावित करता था। कभी गिर जाना, कभी चोट लग जाना, और कई बार तो मेरी जान तक खतरे में आ जाती थी। मेरे सर पर गहरी चोटें लगी थीं, और हाथों पर गड्ढे हो गए थे। मेरा जीवन एक अजीब डर और अनहोनी घटनाओं से भरा हुआ था।

संत रामपाल जी महाराज की शरण में बदलाव

2013 में जब मैंने संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली, तब से मेरा जीवन बदलने लगा। उनके द्वारा दी गई सही भक्ति विधि और मंत्र जाप के कारण मेरी शनि दोष की समस्या पूरी तरह से खत्म हो गई। अब कोई अनहोनी घटना नहीं होती। गिरने और चोट लगने की घटनाएं जैसे गायब हो गईं।

संत रामपाल जी महाराज का प्रभाव

संत रामपाल जी महाराज ने यह सिखाया कि सही भक्ति विधि और शास्त्रों के अनुसार जीवन जीने से सभी समस्याओं का समाधान होता है। उनके ज्ञान और कृपा ने मेरी जिंदगी को नई दिशा दी।

संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा कैसे लें?

अगर आप भी अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति चाहते हैं, तो संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लें। अधिक जानकारी के लिए जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।

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