छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के पंडरिया तहसील के भेड़ागढ़ गांव के निवासी गंगा दास मोगरे का जीवन एक समय धार्मिक भक्ति और असहनीय कष्टों से भरा हुआ था। 21 अप्रैल 2021 को उन्होंने संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली, और उनके जीवन में अद्भुत बदलाव आए। यह उनकी प्रेरणादायक कहानी है।
धार्मिक भक्ति और प्रारंभिक जीवन
गंगा दास जी ने बताया कि नाम दीक्षा लेने से पहले वे गणेश जी की भक्ति करते थे। वे स्वयं मूर्तियां बनाकर गांवों में स्थापित करते थे और विसर्जन समारोहों में भाग लेते थे। साथ ही, वे रामलीला मंडलियों में हनुमान, सुग्रीव, देवी और अन्य पात्रों का अभिनय करते थे।
उन्होंने ब्रह्मा, विष्णु, महेश, और देवी-देवताओं की पूजा की, लेकिन इससे उन्हें कोई स्थायी लाभ नहीं मिला। गुरु सतपाल जी महाराज और अन्य शास्त्रविरुद्ध साधना करने वालों की शरण में रहने के बावजूद उनका जीवन दुखों और परेशानियों से भरा रहा।
संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने का निर्णय
गंगा दास जी ने बताया कि उनके जीवन में दुख और परेशानियां बहुत बढ़ गई थीं। उनके परिवार के सभी सदस्य—मां, पत्नी, और बच्चा—बीमार रहते थे। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि घर में दवाई खरीदने तक के पैसे नहीं थे।
एक समय उनकी मां की मृत्यु हो गई थी। उस समय उन्होंने संत रामपाल जी महाराज से प्रार्थना की कि उनकी मां को जीवनदान दें। उन्होंने बताया कि प्रार्थना के कुछ ही मिनटों बाद उनकी मां बिस्तर से उठ गईं और ठीक हो गईं। इस घटना ने गंगा दास जी को संत रामपाल जी महाराज की शरण में आने के लिए प्रेरित किया।
नाम दीक्षा के बाद हुए लाभ
- आध्यात्मिक और मानसिक शांति:
- संत रामपाल जी महाराज से जुड़ने के बाद गंगा दास जी को मन की शांति और आत्मिक सुख प्राप्त हुआ।
- परिवार की बीमारियों से छुटकारा:
- उनकी मां, पत्नी, और बच्चे की गंभीर बीमारियां संत रामपाल जी महाराज की कृपा से ठीक हो गईं। उनकी पत्नी का रीढ़ की हड्डी का दर्द और उनके बच्चे की सर्दी-खांसी बिना किसी दवाई के ठीक हो गई।
- आर्थिक उन्नति:
- उनकी खराब आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। घर का निर्माण कार्य, जो असंभव लग रहा था, संत रामपाल जी महाराज की कृपा से पूरा हुआ।
- नर्क का अनुभव और जीवन में सुधार:
- उन्होंने बताया कि संत रामपाल जी महाराज ने उन्हें नर्क का अनुभव कराया, जिससे उनके जीवन में गहरी आध्यात्मिक समझ और सुधार हुआ।
- जमीन विवाद का समाधान:
- उनके जमीन विवाद में भाई और गांववालों के साथ चल रहा मामला संत रामपाल जी महाराज की कृपा से सुलझ गया।
संत रामपाल जी महाराज की भक्ति विधि
गंगा दास जी ने बताया कि संत रामपाल जी महाराज शास्त्रों के अनुसार भक्ति कराते हैं। वे गीता, वेद, और अन्य धर्मग्रंथों के आधार पर बताते हैं कि सच्चा परमात्मा कौन है और उसकी भक्ति कैसे करनी चाहिए।
संत रामपाल जी महाराज से जुड़ने का तरीका
जो लोग संत रामपाल जी महाराज की शरण में आना चाहते हैं, वे उनके सत्संग टीवी चैनलों, यूट्यूब, और फेसबुक पर देख सकते हैं। सत्संग के दौरान दिए गए नंबरों पर कॉल करके निकटतम नामदान केंद्र पर जाकर नाम दीक्षा ले सकते हैं।
निष्कर्ष
गंगा दास मोगरे की कहानी यह दिखाती है कि सच्चे गुरु की शरण में आने से जीवन में अद्भुत परिवर्तन हो सकते हैं। संत रामपाल जी महाराज की कृपा से उनके जीवन की सभी समस्याएं समाप्त हो गईं और उन्होंने एक सुखमय और शांतिपूर्ण जीवन पाया।