त्रिलोक साहू, जो छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के निवासी हैं, ने संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेकर अपने जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन अनुभव किए हैं। उनके अनुभव और ज्ञान ने उन्हें एक नई दिशा दी है।
त्रिलोक की यात्रा
त्रिलोक जी ने बताया कि पहले वे भक्ति साधना नहीं करते थे, लेकिन उनके पूर्वज कबीरपंथी थे। संत रामपाल जी के प्रति उनकी रुचि तब जागी जब उनकी बड़ी माँ, जो पहले से संत रामपाल जी महाराज की शिष्य थीं, उनके घर आती थीं और उन्हें संत रामपाल जी का ज्ञान सुनने के लिए प्रेरित करती थीं। अंततः उन्होंने अपनी पत्नी के साथ संत रामपाल जी महाराज के आश्रम जाने का निर्णय लिया।
लाभ के अनुभव
संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद त्रिलोक जी ने अपने जीवन में कई लाभ अनुभव किए:
- आर्थिक सुधार: पहले उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब थी। उन्होंने कई व्यवसाय शुरू किए, लेकिन सभी में नुकसान हुआ। नाम दीक्षा लेने के बाद, उन्हें रोजगार मिला और उनके बड़े बेटे ने न्यायालय में नौकरी प्राप्त की।
- आध्यात्मिक ज्ञान: त्रिलोक जी को मोक्ष का मार्ग समझने का अवसर मिला। पहले वे राजनीति को ही सबसे बड़ा कार्य मानते थे, लेकिन संत रामपाल जी के ज्ञान ने उन्हें यह समझाया कि मानव जीवन का असली उद्देश्य क्या है।
- नशे से मुक्ति: त्रिलोक जी ने बताया कि वे पहले नशा करते थे, लेकिन नाम दीक्षा लेने के बाद नशे से दूर हो गए। अब वे एक सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं।
समाज में परिवर्तन
त्रिलोक जी ने यह भी कहा कि संत रामपाल जी महाराज ने नशा मुक्त समाज का निर्माण किया है। उनका मानना है कि संत रामपाल जी वास्तव में धरती पर स्वर्ग लाए हैं। उन्होंने समाज को सही दिशा में ले जाने के लिए जो प्रयास किया है, वह अद्वितीय है।
अंध श्रद्धा का मिथक
जब एंकर ने सवाल किया कि क्या संत रामपाल जी से जुड़ने वाले लोग अंध श्रद्धा में आते हैं, तो त्रिलोक जी ने स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके सत्संग और किताबें पढ़ने के बाद ही लोगों को संत रामपाल जी का असली ज्ञान समझ में आता है।
नाम दीक्षा कैसे लें?
संत रामपाल जी से नाम दीक्षा लेने के लिए भारत में कई नामदान केंद्र हैं। त्रिलोक जी ने बताया कि संत रामपाल जी के सत्संग टीवी पर प्रसारित होते हैं, जिनमें नाम दीक्षा लेने की प्रक्रिया और संपर्क नंबर दिए जाते हैं।
संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा कैसे लें?
अगर आप भी अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति चाहते हैं, तो संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लें। अधिक जानकारी के लिए जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।
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निष्कर्ष
त्रिलोक साहू की कहानी हमें यह सिखाती है कि सही मार्गदर्शन और भक्ति से जीवन में बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। संत रामपाल जी महाराज की शिक्षाएँ आज के समाज के लिए महत्वपूर्ण हैं, और उनके अनुयायियों का अनुभव एक सच्चाई बयाँ करता है।