यह कहानी मीनाक्षी वर्मा, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ की है। मीनाक्षी जी ने 15 अगस्त 2016 को संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली। कबीर पंथ से जुड़े होने के बावजूद, संत रामपाल जी महाराज के शास्त्र आधारित ज्ञान और प्रमाणित भक्ति विधि ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया।
भक्ति की खोज: कबीर पंथ से संत रामपाल जी महाराज तक
मीनाक्षी जी शुरू से ही कबीर पंथ से जुड़ी थीं और सभी देवी-देवताओं की पूजा करती थीं, विशेषकर दुर्गा माता की। लेकिन जीवन में शांति और समस्याओं का समाधान न मिलने के कारण वे भक्ति के सही मार्ग की तलाश में थीं।
संत रामपाल जी महाराज की ओर आकर्षण कैसे हुआ?
- सृष्टि रचना सुनकर मीनाक्षी जी को पहले विश्वास नहीं हुआ।
- लेकिन, जब उन्होंने टीवी सत्संग में संत रामपाल जी महाराज को गीता, बाइबल, और अन्य धर्मग्रंथों के प्रमाण देते हुए देखा, तो उनकी धारणा बदल गई।
- उन्होंने ज्ञान गंगा पुस्तक पढ़ी, जिसने उनके संदेह दूर कर दिए।
“गुरुजी का हर कथन शास्त्र आधारित था, और यहीं से मेरी यात्रा शुरू हुई।”
नाम दीक्षा के बाद अद्भुत लाभ
- पारिवारिक शांति और नशा मुक्ति:
- उनके पति गुटखा और शराब जैसी बुरी आदतों में थे।
- संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लेने के बाद, उन्होंने नशा पूरी तरह छोड़ दिया।
- अब घर में शांति है और वे एक सुखी जीवन जी रहे हैं।
- भारी एक्सीडेंट से बचाव:
- जबलपुर के पास उनकी गाड़ी का भयानक एक्सीडेंट हुआ।
- गाड़ी का पूरा कांच टूट गया, लेकिन किसी को खरोंच तक नहीं आई।
- यह परमात्मा की कृपा से संभव हुआ।
- बहन की हार्ट की समस्या का समाधान:
- उनकी बहन के हार्ट में छेद था, और डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी थी।
- आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वे इलाज नहीं करा सके।
- नाम दीक्षा लेने के बाद उनकी बहन बिना किसी दवा या ऑपरेशन के पूरी तरह ठीक हो गई।
- कोरोना वायरस से चमत्कारी बचाव:
- उनकी बहन के पति का ऑक्सीजन लेवल 30% तक गिर गया था।
- डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था, लेकिन संत रामपाल जी महाराज की भक्ति और अरदास से उनका ऑक्सीजन लेवल 90% तक पहुंच गया।
- उनकी बहन, जो उनके साथ रही, वह भी संक्रमण से बची रही।
- रमैनी विवाह की सफलता:
- उनकी बहन की शादी के लिए कोई उपयुक्त रिश्ता नहीं मिल रहा था।
- संत रामपाल जी महाराज की कृपा से दस दिनों के भीतर ही एक भगत परिवार से रमैनी विवाह संपन्न हुआ।
अंधश्रद्धा या सच्चा ज्ञान?
मीनाक्षी जी का कहना है:
“संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान पूरी तरह प्रमाणित और शास्त्र आधारित है। वे केवल वही बताते हैं, जो धर्मग्रंथों में लिखा है।”
उनका अनुभव यह सिद्ध करता है कि:
- ज्ञान सत्य है।
- अंधविश्वास के लिए कोई स्थान नहीं।
दूसरे कबीर पंथ से संत रामपाल जी महाराज का चयन क्यों?
मीनाक्षी जी कहती हैं कि:
“दूसरे कबीर पंथियों का ज्ञान शास्त्र आधारित नहीं है। संत रामपाल जी महाराज का हर कथन प्रमाणित है, जो वेद, गीता, और अन्य धर्मग्रंथों से मेल खाता है।”
कैसे जुड़ें संत रामपाल जी महाराज से?
- टीवी सत्संग:
- संत रामपाल जी महाराज के सत्संग विभिन्न चैनलों पर प्रसारित होते हैं।
- सत्संग के दौरान पीली पट्टी में दिए गए नंबरों पर संपर्क करें।
- सोशल मीडिया:
- वेबसाइट: jagatgururampalji.org
- फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म पर जुड़ें।
- पुस्तकें पढ़ें:
- ज्ञान गंगा और जीने की राह पुस्तक पढ़कर उनके ज्ञान को समझें।
निष्कर्ष
मीनाक्षी वर्मा की कहानी एक प्रेरणा है, जो यह प्रमाणित करती है कि संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान जीवन को बदल सकता है। उनके अनुभव से यह स्पष्ट है कि सही भक्ति ही सभी समस्याओं का समाधान है।
“अगर आप भी जीवन के कष्टों से परेशान हैं, तो संत रामपाल जी महाराज की शरण में आइए और अपने जीवन को खुशहाल बनाइए।”