अलविदा बीमारी: संत रामपाल जी महाराज की कृपा से रिशी कुमार का जीवन बदलने वाला चमत्कार!

अलविदा बीमारी: संत रामपाल जी महाराज की कृपा से रिशी कुमार का जीवन बदलने वाला चमत्कार!

रिशी कुमार की कहानी एक अद्भुत परिवर्तन की कहानी है, जिसमें आस्था और विश्वास ने असंभव को संभव बना दिया। रिशी का जन्म छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव सुरसूली में हुआ था। बचपन से ही उन्हें थैलेसीमिया नामक गंभीर बीमारी थी, जिसके कारण हर दो महीने में उन्हें दो बॉटल खून चढ़ाना पड़ता था और हजार रुपए की दवाई खानी पड़ती थी। भारतीय डॉक्टरों के साथ-साथ अमेरिका के डॉक्टरों ने भी उनके माता-पिता को बताया कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है और रिशी को जीवनभर बेड पर रहना पड़ेगा।

रिशी के माता-पिता ने हर संभव उपाय आजमाए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसी बीच, उनके एक रिश्तेदार, जो पहले से ही संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा ले चुके थे, ने उन्हें सलाह दी कि वे रिशी को संत रामपाल जी महाराज के पास ले जाएं।

डॉक्टरों द्वारा अंतिम चरण में घोषित किए जाने के बाद, रिशी के माता-पिता ने संत रामपाल जी महाराज के पास जाने का निर्णय लिया। वहां पहुंचकर, उन्होंने रिशी को संत रामपाल जी महाराज से आशीर्वाद दिलवाया। संत रामपाल जी महाराज ने जब रिशी के सिर पर हाथ रखा, तब से उनका स्वास्थ्य चमत्कारिक रूप से सुधरने लगा। वह चलने-फिरने लगे, खाना खाने लगे और उन्हें खून चढ़वाने या दवाई लेने की ज़रूरत नहीं पड़ी।

आज रिशी कुमार पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपनी इस तीसरी जिंदगी के लिए संत रामपाल जी महाराज का आभार मानते हैं। वे लोगों को बताते हैं कि कैसे वे भी संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा लेकर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। इसके लिए वे साधना चैनल पर दिए गए नंबरों या संत रामपाल जी महाराज की वेबसाइट के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।

रिशी की कहानी हमें यह सिखाती है कि आस्था और विश्वास इंसान को किसी भी कठिनाई से उबार सकते हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि अगर हिम्मत और सही मार्गदर्शन हो, तो इंसान किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है।

संत रामपाल जी महाराज से नामदीक्षा कैसे लें?

अगर आप भी अपने जीवन की समस्याओं से मुक्ति चाहते हैं, तो संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा लें। अधिक जानकारी के लिए जगतगुरु संत रामपाल जी महाराज की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।

Read More Articles: satruestory.com

SA True Story Logo
SatrueStory

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *